पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने के लिए बहुत से कारण जिम्मेदार हैं, जिनमे प्लास्टिक एक बहुत बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है। दिन की शुरुआत से लेकर रात में बिस्तर में जाने तक अगर ध्यान से गौर किया जाए तो आप पाएँगे कि प्लास्टिक ने किसी न किसी रूप में आपके हर पल पर कब्जा कर रखा है।
सुबह के टूथब्रश से लेकर बाज़ार में कोई सामान लाना है तो, या टिफिन और पानी पीने के बोतल और प्लास्टिक के रूप में हर जगह मौजूद है। पूरे विश्व में इसका उपयोग इस कदर बड़ चुका है कि हर साल पूरे संसार में इतना प्लास्टिक फैंका जाता है कि इससे पूरी पृथ्वी में चार घेरे बन जाए।
प्लास्टिक रसायन बी.पी.ए. शरीर के विभिन्न भागों में प्रवेश करता है। जिससे तरह-तरह के बीमारियों का सामना करना पड़ता है। प्लास्टिक गैर जैव (नान बयोडिग्रेडेबल) होता है। इसका अर्थ है कि एक छोटी से पोलिथिन को पूरी तरह तब्दील होने में हज़ारों साल लगते हैं। प्लास्टिक स्वास्थ्य और पर्यावरण को बहुत हानि पहुँचाती है। इससे इंसान, जानवरों, पेड़-पौधों और सभी जीवित चीजों को बहुत नुकसान होता है। इसलिए हमें धीरे-धीरे प्लास्टिक की जगह दूसरे पदार्थ से बने सामान का इस्तेमाल करना चाहिए।
* मिट्टी के पारंपरिक तरीके से बने बर्तनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए।
* सामान खरीदते समय कागज़ या कपड़े के बने थैली का इसतेमाल करना चाहिए।
* अपने आस-पास प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने की हिदायत दी जाए।
“प्लास्टिक की नहीं कोई शान, मिटा दो इसका नामो-निशान”
स. सुकेश
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