फूल तोड़ते समय फूल ने कहा…..
मैं भगवान को चढ़ाने के लिए फूल तोड़ने गयी तब फूल ने मुझसे कहा कि “मुझमें भी जीवन है| तुम मुझे मार रहे हो |
मैं भगवान के पास से आया और फिर तुम मुझे भगवान के पास ले जाते हो| सभी आदमी ऐसे ही हैं फूलों, फलों, पक्षियों
और जानवरों को मारकर इस्तेमाल करते हैं और अपने घर में नहीं रखते हैं | मेरे साथ होनेवाले अन्याय का विरोध
करती हूँ| मैंने कहा कि – ” मैंने एक सबक सीख ली, मुझे माफ़ कर दो ” |
Ragasudha VII A