विज्ञापन का उद्देश्य है – किसी वस्तु या वस्तुओं को व्यवसायिक, राष्ट्रीय, सामाजिक, कलात्मक,
मांगलिक दृष्टि से लोकप्रिय बनाने की प्रक्रिया को त्वरित गति प्रदान की जाए। विज्ञापन यह ज्ञापित करता है कि अमुक वस्तु क्यों ग्रहनीय है और ऐसा कर वह वस्तु-विशेष के संबंध में लोगों में उत्सुकता पैदा करता है, आकर्षण पैदा करता है और अंततोगत्वा उसे पाने की लालसा
उत्पन्न करता है। अत: विज्ञापन जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित करता है। जीवन-मरण के प्रसंग में, सामाजिक, राष्ट्रिय तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रसंग में, फिल्म जगत में, परिवार
के मांगलिक कार्यक्रमों के शुभ अवसरों में आवश्यकता है। आधुनिक जीवन प्रणाली का यह अविभाज्य अंग है। विज्ञापन आज की सामयिक आवश्यकता है। इसके अस्तित्व को नकारना
संभव नहीं है बल्कि इसके सहारे सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते जाना ही बुद्धिमानी है।
व. राग
IX ‘A’