गाँव में मेरा एक दिन

अक्तूबर, मेरा सबसे प्यारा दिन क्योंकि मेरे परिवार के साथ सब मेरे नाना – नानी के गाँव गए थे। मैं बहुत ही खुश था।  बहुत देर की यात्रा के बाद हम वहाँ पहुँचे तो मेरे नानाजी हमको घर ले जाने के लिए आए थे। उन्होंने मुझे इस गाँव के बारे में बताया। तब घर के बाहर एक गाय चिल्ला रही थी। नानाजी ने बताया कि यह गाय के चारे का समय है और वे उसे चारा देने चले गए।

बाहर बहुत सारे बच्चे खेल रहे थे। मैं भी वहाँ जाकर खेलने लगा। शाम को नाना के साथ हरे-भरे खेत देखकर घर लौटे। रात हो गई तो मेरी नानी ने हम सबको बढ़िया खाना खिलाया। उसके बाद नानी से कहानी सुनते हुए मैं सो गया। दूसरे ही दिन हम शहर आ गए, और मुझे यह दिन बहुत पसंद थे।

                                                                     Bharat Kaushik

                                                          VIII-‘A’

    मेरी चाची गाँव में रहती हैं। मैं गरमी की छुट्टियों में गाँव गई थी। वहाँ मेरा अनुभव बहुत अद्भुत था।हरी घास, ताज़ी हवा और पेड़ आदि अद्भुत थे। मैंने देखा कि खेतों में लोग बीज बो रहे थे। फिर मैंने बगीचे में उगाए गए कुछ फल खाए। वे फल ताज़े और बहुत स्वादिष्ट थे। उसके बाद मैं पहले बैलगाड़ी में , फिर ट्रैक्टर में बैठकर खेत के चारों तरफ घूमकर आई। यह अनोखा अनुभव मुझे बेहद पसंद आया। दोपहर को मैंने खाना बनाने में अपनी चाची की मदद की। वह खाना शहर के खाने से बेहतर बढ़िया था। मुझे वह स्वाद बहुत अच्छा लगा। शाम को हम मंदिर गए। वहाँ पूजा चल रही थी जो भव्य और अच्छी थी। आखिर मेरा दिन खत्म हो गया, पर मैं बहुत सारी यादें लेकर अपने घर लौटी। मैं गाँव में अपने इस एक दिन के अनुभव को कभी नहीं भूलूँगी।

                                                                   Yamini. K

                                                                      VIII  ‘A’

 

गरमी की छुट्टियाँ शुरु हो गई थी। पिताजी ने योजना बनाई कि इस छुट्टी में दादा – दादी के यहाँ जाएँगे। हम लोगों ने टिकट ले ली थी। सब लोगों के लिए तोहफे भी खरीद लिए। सुबह सात बजे की गाड़ी में हम बैठ गए और दोपहर 12 ब॑जे उस जगह पर उतर गए। उस गाँव को देखते ही मुझे लगा कि मैं स्वर्ग में आई हूँ। घर पहुँचते ही दादा – दादी , चाचा – चाची को प्रणाम करके उन सबको तोहफे दिए। खाना खाया और अपने चचेरे भाई – बहनों के साथ गाँव घूमने चली गई। वहाँ कई ऊँचे और बड़े पेड़ तथा मैदानों में चरते कई पशुओं को देखे। वहाँ की नदी में महिलाएँ कपडे धोकर स्नान कर रही थीं। नदी में नाव भी चल रही थी। वहाँ के तालाब में किसान गाय – बैलों को नहला रहे थे। घर लौटकर हमने खाना खाया और हम सबने अंताक्षरी भी खेले। शाम को दादीजी ने रामायण और महाभारत की भी कहानियाँ सुनाईं। रात को गरम – गरम और स्वादिष्ट भोजन खाने को मिला। मैंने सोचा कि यहाँ कितना मज़ा आ रहा है, ज़िंदगी भर यहीं रहूँ। फिर मैं सो गई।

ये हैं मेरे गाँव में एक दिन बिताने का अनुभव।

                                                                       Niyona . S

                                                                                                                      VII  ‘A’

मैंने अपनी गरमी की छुट्टियों में गाँव जाने का कार्यक्रम बनाया था।  मैं सुबह 6 बजे अपना गाँव राजस्थान पहुँच गया था मैंने वहाँ जाते-जाते बहुत हरियाली देखी। फिर मैं अपने खेत गया और वहाँ की ठंडी हवा का अनुभव किया। फिर मैं घर जाकर अपने परिवार के साथ खाना खाया और वहाँ के पेड़ों को देखा। फिर अपनी दादी के साथ गाय का दूध लेने के लिए अपने पशुघर में गया था और रात हो गई तो हम सोने चले गए। अगले दिन हम अपने घर चले आए।

                                                        S.Gajendar

                                                           VII A

 

मेरी दादी एक गाँव में रहती है।  इसलिए मैं गरमी की छुट्टियों में वहाँ गया था। गाँव में मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा है। ताज़ी हवा और पेड़ आदि अद्भुत था। यह बहुत अच्छा है। मैं इसे प्यार करता था। यह एक अलग अनुभव था। मुझे यह स्थान बेहद पसन्द आया। गाँव का खाना शहर के जंक फुड़ से बहुत बेहतर था। मुझे स्वाद अच्छा लगा। यह बहुत भव्य और अच्छा था।

Naresh Kanna.C.M

VIII A

मैं अपनी छुटटियों मे गाँव गई| सुंदर पीलेपीले सरसों के खेत, ठंडी हवा का बहना, इधरउधर खेतों और किसानों का काम करना| आम के पेड़ में रसदार फल थे| हम उस पेड़ पर चढकर आम खा रहे थे| माँ ने मुझे खाने के लिए बुलाया, चटनी और इडली बहुत अच्छे थे| मैं एक नदी में नहाई, ठंडेठंडे पानी में मछली के साथ। मैं अपने दादादादी के घर गई, वह तो एक पुराना घर था| मैंने अपने दोस्तों के साथ खेला और मेरी माँ ने मुझे खाना खाने के लिए बुलाया| गरमगरम साँभार, सब्जी और गाय का दही मुझे बहुत पसंद आए| मेरी दादी ने मुझे रामायण की कहानी सुनायी| मैं अपने दोस्तों के साथ फ़िर खेला और खूब मजा किया| बहुत अच्छा खाना खाया और ठंडी हवा में सो गई|

Pooja Balaji

VIIIA

 

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