इस मुहावरे का अर्थ है मनुष्य जो पाने की इच्छा रखता है। वहाँ राह निकल ही आती है। अतः हमें चाह करना नहीं छोड़ना चाहिए। जहाँ इच्छाशक्ति है वहाँ एक तरीका है जो एक पुरानी कहावत है जिसका अर्थ है कि यदि हमारे पास दृढ़ संकल्प नहीं है तो हम अपने लक्ष्य की ओर नहीं बढ़ सकते। इस प्रकार जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं। सफलता पाने की हमारी दृढ़ इच्छा शक्ति सफलता पाने का एक रास्ता बनाती है। कभी-कभी कार्य बहुत हो सकता हैं, लेकिन मज़बूत इच्छा शक्ति हमें सभी कठिनाइयों का सामना करने में मदद करती है और एक रास्ता बनाती है।
B.S. Anaha
VIII A
इच्छा शक्ति किसी व्यक्ति की मानसिक शक्ति के रूप में परिभाषित किया जा सकता हैं। यदि यह पर्याप्त मात्रा में मौजूद है तो यह पहाड़ों को स्थानांतरित कर सकता है और यह एक व्यक्ति को असंभव कार्य करने में सक्षम बना सकता है। दूसरों शब्दों में यह एक ऐसे व्यक्ति का निर्धारण होता है जो उसे लगभग कुछ भी करने में सक्षम बनाता है। मानव सभ्यता के इतिहास पर एक नज़र से हमें पता चलता है कि एक व्यक्ति की इच्छा के कारण कई राज्यों और साम्राज्यों का गठन या नष्ट हो गया था। मनुष्य की प्रबल इच्छा में सबसे ज्यादा शक्ति होती हैं। जब मनुष्य की चाह यानि कि उसकी इच्छा उसका मजबूत इरादा बन जाती है तो उसे अपनी मंजिल तक पहुँचने की राह मिल ही जाती है।
S.Pooja
VIII A
हमें चाह करना नहीं छोड़ना चाहिए| इस मुहावरे का अर्थ है मनुष्य जो पाने की इच्छा रखता है, जहाँ इच्छाशक्ति है वहाँ एक तरीका है| सफ़लता पाने की हमारी दृढ़ इच्छा शक्ति ही सफ़लता पाने का एक रास्ता बनाती है| कभी कभी कार्य बहुत कठिन हो सकता है| लेकिन मजबूत इच्छा शक्ति हमे सभी कठिनाइयों का सामना करने में मदद करती है और एक रास्ता बनाती है|
JAIGIRISH V
VIII-A
इस मुहावरे का अर्थ है मनुष्य जो पाने की इच्छा रखता है| वहाँ राह निकलता ही आता है| अत: हमें चाह करना नहीं छोड़ना चाहिए| जहाँ इच्छाशक्ति है वहाँ एक तरीका है जो एक पुरानी कहावत है जिसका अर्थ है कि यदि हमारे पास दृढ़ संकल्प है तो हम वह काम पूरा कर सकते हैं| यह मुहावरा मेरे आत्मविशवास को बहुत प्रोत्साहित करता है| इस मुहावरे से नामुमकिन को मुमकिन कर सकते है| “जहाँ चाह वहाँ राह मुझे ही नहीं, हम सभी को भी बहुत प्रोत्साहित करता है|
K.PRIYANKA
VIIIA