नदियाँ हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। पानी नहाने, खाना पकाने, कपड़े धोने आदि के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए संसार की सबसे पहली सभ्यता का जन्म नदियों के किनारे हुआ, जहाँ उनको जल की सुविधा उपलब्ध थी। जल किसान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, बिना जल के खेती नहीं हो सकती।
नदियाँ हमारे धर्म से जुड़ी हुई हैं। जैसे गंगा नदी का जल पवित्र माना जाता है। लोग मानते हैं कि गंगा में स्नान करने से पाप मिट जाता है। नदी के किनारे अनेक पर्व मनाए जाते हैं। पर्यटक मन बहलाने के लिए और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए नदियों के किनारे जाते हैं।
यदि नदियाँ न होती तो हमारे अनेक काम संपूर्ण नहीं होते। जल उपज के लिए अत्यंत आवश्यक है। उसके बिना हमारे खेत सूखे पड़े रह जाते हैं और मिट्टी उपजाऊ नहीं होती।
यदि जल न होता तो हमारी जलवायु शुष्क हो जाती। अनेक पशु- पक्षियों को जल न मिलता। सुंदर बगिया और रंग बिरंगे फूल देखने को नहीं मिलते। नदियों में पानी कम हो जाता तो विद्युत उत्पन्न करने एवं अन्य औद्योगिक कामों में बाधा आ जाती। नदियों के जल से हमारा जीवन हरा- भरा रह जाता उसके बिना धरती मरुस्थल बन जाती।
Srijitha.S
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नदियाँ सबके जीवन के लिए बहुत ज़रूरी है। संसार की सबसे पहली और अन्य सभ्यताओं का जन्म नदियों के किनारे हुआ, जहाँ उनको जल की सुविधा उपलब्ध थी। भारत कृषि प्रधान देश है। जल किसान के लिए अत्यंत आवश्यक है क्योंकि बिना जल के खेती नहीं हो सकती। नदियों का इसमें बहुत योगदान रहा।
नदियाँ हमारे धर्म से जुड़ी हुई हैं। जैसे गंगा नदी का जल पवित्र माना जाता है। लोग मानते हैं कि गंगा में स्नान करने से पाप मिट जाएगा। क्या गंगा उस दिन जैसे साफ है जब गाँधी जी रहते थे। यदि नदियाँ न होती तो हमारे अनेक काम अधूरे रह जाते। पर क्या हम इसे स्वच्छ रखते हैं ?
हमारा मन शुद्ध है। पर कुछ लोगों की वजह से वह शुद्ध मन भी नदियों को नाश करने वाले अशुद्ध कार्यों में शामिल होते हैं। नदियों की रक्षा करने के लिए अब भी समय है। कुछ न करने से कुछ करना बेहतर होता है। अभी शपथ लेंगे कि हिंदुस्तान की सभी नदियों को बचाने का प्रयास करेंगे।
जय हिंद
Ragasudha.V
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